ग़ुलामी की कहानी
(1757 से 1857 तक का रोचक सच)
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Publisher Description
यहकिताबभारतकेउनसंघर्षशीलसौसालोंकादस्तावेज़हैजिसमेंदर्जहैंमुग़लों,मराठों,सिक्खों,अंग्रेज़ोंऔरअसंख्यहिंदुस्तानियोंकीबहादुरी,कूटनीति,धोखाधड़ी,कपट,सन्धियाँऔररोमांचकबहादुरीवरोमांसकीअनेकोंकहानियाँ।यहकिताबउपन्यासकेअन्दाज़मेंइतिहासकीप्रस्तुतिहैइसमेंइतिहासकाबोझिलपनऔरतारीख़ोंकारूखापननहींहै।गहनअध्ययनऔरखोजबीनकेबादहिंदीमेंउनकेलिएरोचकअन्दाज़मेंलिखीगईहैजोकौतुहलवशहमारीग़ुलामीकीदास्तानकोएककिताबमेंपढ़नाचाहतेहैंऔरप्रतियोगीपरीक्षाओंमेंहिंदीमाध्यमसेआधुनिकइतिहासलेकरशामिलहोनाचाहतेहैं।
आदिमयुगसेमध्ययुगतकग़ुलामीपूरीपृथ्वीपरएकसशक्तसंस्थाकेरूपमेंविकसितहुईहैवहकिसीनकिसीरूपमेंआजभीमौजूदहै।जिज्ञासुओंकेलिएइसमेंइसप्रश्नकेउत्तरकाख़ुलासाहोगाकिआख़िरहमाराभारतग़ुलामक्योंहुआ?ताकिइतिहासकीग़लतियोंकोदुहरानेकीफिरग़लतीनकरें।कहावतहैकिजोइतिहासनहींजानतेवेउसकीग़लतियोंकोदोहरानेकोअभिसप्तहोतेहैं।
भारतकीग़ुलामीकोदोभागमेंबाँटाजासकताहै।1757-1857केएकसौएकसालजिनमेईस्टइंडियाकम्पनीनेहमेंग़ुलामबनायाऔर1858-1947केनब्बेसालब्रिटिशसरकारनेहमारेऊपरराज्यकिया।
ग़ुलामीमानवताकेप्रतिसबसेबड़ाअभिशापहै।ग़ुलामीलादनेऔरग़ुलामीओढ़नेवालेदोनोंहीखलनायकहैं।ऐसेहीखलनायकोंकीदास्तानहैयहकिताब।